14th November 2024, गुरुवार को न्यूज़ीलैंड संसद में एक दिलचस्प और शक्तिशाली दृश्य देखने को मिला जब Māori सांसदों ने हाका प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन उस विवादास्पद बिल के खिलाफ था, जो वेटांगी संधि (Treaty of Waitangi) की व्याख्या में बदलाव लाने की कोशिश कर रहा है। वेटांगी संधि, जो ब्रिटिश क्राउन और Māori समुदाय के बीच एक ऐतिहासिक समझौता है, न्यूज़ीलैंड के इतिहास का अहम हिस्सा है।
इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए Māori सांसद हाना-रावति माईपी-क्लार्क ने बिल की एक प्रति को फाड़ दिया। वह अकेली नहीं थीं, बल्कि उनके साथ उनकी पार्टी के सदस्य, Te Pāti Māori और सार्वजनिक गैलरी से उनके समर्थक भी थे। यह प्रदर्शन एक हिकोई (Hikoi) के नौ दिनों के मार्च के साथ मेल खाता था, जिसमें सैकड़ों लोग वेलिंगटन में एक बड़ा रैली करने के लिए बढ़ रहे थे।
हाका: Māori संस्कृति का प्रतीक
हाका, Māori संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे आमतौर पर जश्न या विरोध के रूप में किया जाता है। इस पारंपरिक नृत्य और गाने में शक्ति, एकता और सांस्कृतिक गर्व का संदेश निहित होता है। हाना-रावति माईपी-क्लार्क और उनके समर्थकों ने हाका के माध्यम से अपनी स्थिति को सशक्त रूप से व्यक्त किया और बिल के खिलाफ अपना विरोध जताया।
विवादास्पद बिल और इसके परिणाम
यह बिल वेटांगी संधि की व्याख्या में बदलाव का प्रस्ताव करता है, जो Māori समुदाय के लिए एक संवेदनशील मुद्दा है। वेटांगी संधि 1840 में ब्रिटिश क्राउन और Māori लोगों के बीच एक ऐतिहासिक समझौता था, जो उनके अधिकारों की रक्षा करता था। इस संधि के पुनः व्याख्या के लिए प्रस्तावित बदलाव ने Māori सांसदों और समुदायों में गहरी चिंता और विरोध पैदा कर दिया है।
हाना-रावति माईपी-क्लार्क ने बिल को फाड़कर यह संदेश दिया कि यह प्रस्ताव Māori संस्कृति और उनके अधिकारों पर हमले के बराबर है। उनके इस प्रदर्शन ने न केवल संसद के भीतर बल्कि पूरे देश में एक बड़ा मुद्दा खड़ा कर दिया है।
भारत में भी प्रेरणा मिलती है: क्या हम कुछ नया देख सकते हैं?
न्यूज़ीलैंड संसद में हाका के रूप में हुआ यह विरोध प्रदर्शन न केवल Māori समुदाय के अधिकारों के लिए था, बल्कि यह एक क्रांतिकारी तरीका था विरोध जताने का। अगर हम अपने भारतीय संसद की बात करें, तो क्या हम भी इस प्रकार के नए और प्रभावी तरीके से अपनी आवाज़ उठाते हुए देशहित के मुद्दों पर ध्यान आकर्षित कर सकते हैं? पारंपरिक तरीकों से अलग, हाका जैसे सृजनात्मक और शक्तिशाली विरोध तरीके भारत में भी हमें देखने को मिल सकते हैं, जहां बवाल और हंगामा हमेशा होता है।
न्यूज़ीलैंड की संसद में हाका के इस प्रदर्शन ने यह दिखा दिया कि विरोध करने के भी नए तरीके हो सकते हैं। यह न केवल Māori समुदाय के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा बन गया है कि कैसे सांस्कृतिक धरोहरों और सम्मान को बचाने के लिए प्रभावी और शांतिपूर्ण तरीकों से विरोध किया जा सकता है। भारत में भी ऐसे सृजनात्मक और प्रभावी तरीकों को अपनाकर हम कई मुद्दों पर ध्यान आकर्षित कर सकते हैं और संसद में बदलाव ला सकते हैं।