Share Market Falls
भारतीय शेयर बाजार ने मंगलवार, 12 नवंबर को सकारात्मक शुरुआत की थी, लेकिन बाद में इसमें तेज गिरावट देखी गई। सेंसेक्स ने 79,820.98 के अपने दिन के उच्चतम स्तर से करीब 1,032 अंक गिरकर 78,767.49 पर समाप्त किया। इस गिरावट के कारण बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों के कुल मार्केट कैप में ₹5 लाख करोड़ का नुकसान हुआ।
गिरावट के प्रमुख कारण
इस गिरावट के पीछे तीन मुख्य कारण रहे हैं, जिनका असर भारतीय शेयर बाजार पर पड़ा:
- वैश्विक आर्थिक दबाव
वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और मंदी के कारण विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से अपनी पूंजी निकालने का फैसला किया, जिससे शेयर बाजार पर दबाव बढ़ा और बिकवाली का सिलसिला तेज हो गया। - अमेरिका की मौद्रिक नीति
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना और उसके असर ने वैश्विक बाजारों में अस्थिरता पैदा की, जिससे भारतीय बाजार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा। - घरेलू अर्थव्यवस्था के आंकड़े
भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़े कुछ निराशाजनक आंकड़े, जैसे कि औद्योगिक उत्पादन में कमी और धीमी विकास दर ने बाजार में नकारात्मक माहौल बनाया। इसके अलावा, रुपये में गिरावट ने भी निवेशकों की चिंता बढ़ाई।
निवेशकों की स्थिति
इस गिरावट के बावजूद, विशेषज्ञों का मानना है कि यह अस्थायी हो सकता है और भारतीय शेयर बाजार में भविष्य में सुधार हो सकता है। हालांकि, निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है, ताकि वे आने वाले उतार-चढ़ाव से बच सकें।
निष्कर्ष
12 नवंबर को भारतीय शेयर बाजार में आई तेज गिरावट ने निवेशकों को चिंतित कर दिया। सेंसेक्स 1,000 अंक से अधिक गिरा, जिससे बीएसई का कुल मार्केट कैप ₹5 लाख करोड़ घट गया। यह गिरावट वैश्विक मंदी, अमेरिकी नीतियों और घरेलू आंकड़ों का नतीजा है।