हरियाणा के फरीदाबाद में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का 24 किलोमीटर लंबा हिस्सा अब यातायात के लिए खोल दिया गया है। हालांकि, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने अभी तक आधिकारिक उद्घाटन तिथि की घोषणा नहीं की है। यह नया हिस्सा दिल्ली सीमा के पास मितापुर (जैतपुर पुश्ता) को बल्लभगढ़ के केली गांव से जोड़ता है। 12-लेन वाला यह एक्सप्रेसवे अक्टूबर के अंत में निर्माण पूरा होने के बाद अब यात्री यात्रा के लिए उपलब्ध है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का उद्देश्य और लाभ
इस एक्सप्रेसवे का मुख्य उद्देश्य NH-10 पर ट्रैफिक की भीड़ को कम करना और फरीदाबाद की मुख्य सड़कों पर यातायात का दबाव घटाना है। अनुमान है कि यह मार्ग प्रतिदिन करीब 50,000 वाहन चला सकेंगे। इसके अलावा, यह हिस्सा दिल्ली-आगरा हाइवे से भी सीधा जुड़ता है, जिससे क्षेत्रीय गतिशीलता में सुधार होगा।
जब यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह से चालू हो जाएगा, तो दिल्ली से मुंबई तक यात्रा का समय लगभग 12 घंटे और दिल्ली-गुजरात का रास्ता 18 घंटे से घटकर 10.5 घंटे रह जाएगा। इसके अलावा, यह एक्सप्रेसवे जयपुर से दिल्ली तक यात्रा का समय 5 घंटे से घटाकर 3.5 घंटे कर देगा, जिससे कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण सुधार होगा।
भारतमाला परियोजना का हिस्सा
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे भारतमाला परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो देश में 1,386 किलोमीटर लंबी सड़क परियोजना का हिस्सा है। इसमें कुल 40 इंटरचेंज होंगे जो प्रमुख शहरों जैसे जयपुर, अजमेर, कोटा, और सूरत को जोड़ेंगे।
एक्सप्रेसवे में कुल 6 प्रवेश और निकासी बिंदु होंगे, और इसके लिए टोल दरों का निर्धारण अभी जारी है। पहला टोल संग्रहण बिंदु किरनज गांव में स्थित है, जो केली गांव से लगभग 25 किलोमीटर दूर है और परियोजना के तीसरे खंड में है।
नए एक्सप्रेसवे के अन्य महत्वपूर्ण विवरण
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की शुरुआत डीएनडी फ्लाईओवर से होती है, जो नई दिल्ली में स्थित है, और इसका पहला खंड मितापुर तक विस्तारित है, जो दिल्ली-फरीदाबाद सीमा के पास स्थित है।
NHAI सूत्रों के अनुसार, बाकी का खंड अभी निर्माणाधीन है और इसके जल्द खोलने की संभावना नहीं है। एक बार पूरा होने के बाद, यह एक्सप्रेसवे भारत का सबसे लंबा हाईवे होगा और देश भर में यात्रा करने के तरीके को पूरी तरह से बदल देगा।