UAE में तीन उज़बेक नागरिकों की गिरफ्तारी: इजरायली रब्बी के हत्याकांड से जुड़ा मामला
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने सोमवार को इजरायली-मोल्डोवान रब्बी ज़वी कोगन के अपहरण और हत्या से जुड़े तीन उज़बेक नागरिकों की गिरफ्तारी की घोषणा की। यह घटना एक खतरनाक आतंकवादी हमले के रूप में सामने आई है, जिसे इजरायली अधिकारियों ने एक एंटी-सेमिटिक आतंकवाद के रूप में वर्गीकृत किया। हालांकि, जांचकर्ताओं ने अभी तक इस अपराध के पीछे के उद्देश्यों का खुलासा नहीं किया है।
इजरायली रब्बी की हत्या: एक भयावह घटना
रब्बी ज़वी कोगन की हत्या ने यूएई में स्थित छोटी यहूदी समुदाय के बीच सुरक्षा को लेकर चिंता को जन्म दिया है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हत्या को “घृणित एंटी-सेमिटिक आतंकवादी हमला” बताया। उनके अनुसार, यह घटना यहूदी समुदाय के खिलाफ एक गंभीर हमला है जो हमें यह याद दिलाती है कि दुनिया भर में यहूदी समुदाय को अभी भी असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है।
गिरफ्तारी और आरोपी
यूएई के आंतरिक मंत्रालय ने घोषणा की कि तीन उज़बेक नागरिकों को रब्बी कोगन के अपहरण और हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया है। मंत्रालय द्वारा जारी किए गए बयान के अनुसार, आरोपियों के नाम ओलिमबॉय तोहिरोविच, मखमुदजोन अब्दुराखिम (दोनों 28 वर्ष के) और अजीज़बेक कमिलोविच (33 वर्ष) हैं। इन आरोपियों की तस्वीरें भी सामने आईं, जिसमें वे आंखों पर पट्टी बंधे और हथकड़ी लगाए हुए थे।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि वे इस अपराध की परिस्थितियों और इसके उद्देश्य का पता लगाने के लिए अभी भी जांच कर रहे हैं। इस कृत्य की जांच के दौरान, यूएई की सुरक्षा एजेंसियां यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि इसके पीछे की असली वजह क्या थी।
हत्या के घटनाक्रम की जानकारी
रब्बी ज़वी कोगन की 28 वर्षीय शरीर रविवार को दुबई में पाया गया। कोगन को गुरुवार को गायब होने की सूचना मिली थी, और उन्हें अंतिम बार दुबई में देखा गया था। इजरायली अधिकारियों के मुताबिक, उनका कार अल ऐन में, जो अबू धाबी के पड़ोसी अमीरात में स्थित एक शहर है, पाया गया था। यह स्थान ओमान सीमा के पास है। इसके बाद रविवार को उनकी लाश मिली।
यह हत्या इस तथ्य को सामने लाती है कि यूएई में यहूदी समुदाय को अब तक अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण स्थिति में देखा गया था, लेकिन यह घटना उनके लिए एक बड़ा झटका है। यह घटना यहूदी समुदाय की सुरक्षा के लिए गहरे सवाल खड़े करती है, खासकर उन देशों में जहां यहूदी अल्पसंख्यक के रूप में रहते हैं।
यूएई की प्रतिक्रिया और जांच
यूएई ने तुरंत ही मामले की जांच शुरू कर दी है और इसके संबंध में कोई भी जानकारी साझा की है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हत्या के पीछे क्या कारण था। विभिन्न कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन यूएई की सरकार ने केवल यह कहा है कि वे अपराध के सभी पहलुओं की गहन जांच कर रहे हैं।
इजरायली अधिकारियों ने कहा है कि वे इस हत्या को एक संगठित आतंकवादी हमले के रूप में देख रहे हैं, जो यहूदी समुदाय के खिलाफ घृणा और हिंसा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था।
संयुक्त अरब अमीरात और यहूदी समुदाय की सुरक्षा
यूएई में स्थित यहूदी समुदाय की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हुए हैं, क्योंकि इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि यहां भी अल्पसंख्यक समुदायों को सुरक्षा के मामले में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इस प्रकार की घटनाएं देशों के लिए यह याद दिलाने का काम करती हैं कि सभी समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस घटना के बाद, यूएई की सरकार ने यह सुनिश्चित करने का वादा किया है कि इस तरह की हिंसा और आतंकवाद के प्रयासों को देश में किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने दिया जाएगा।
क्या है एंटी-सेमिटिक आतंकवाद?
एंटी-सेमिटिक आतंकवाद एक प्रकार का आतंकवाद है, जिसका उद्देश्य यहूदी समुदाय को निशाना बनाना होता है। यह आतंकवाद समाज में यहूदी समुदाय के खिलाफ नफरत, घृणा और हिंसा को बढ़ावा देता है। ऐतिहासिक रूप से, एंटी-सेमिटिज़्म को कई देशों में यहूदी समुदाय के खिलाफ किया गया सबसे बड़ा अपराध माना गया है। यह घटना इस बात का प्रतीक है कि ऐसे आतंकवादी हमले अभी भी हो सकते हैं, जिससे यहूदी समुदाय को अपने अस्तित्व की सुरक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
इस हत्या ने दुनिया भर में यहूदी समुदाय की सुरक्षा पर एक बार फिर से सवाल खड़ा कर दिया है। यूएई में यह घटना बेहद दुर्लभ थी, लेकिन इसने यह संकेत दिया कि अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ अपराध अब भी हो सकते हैं। इसके बावजूद, यूएई ने इस मामले की गंभीरता से जांच करने का वादा किया है, और उम्मीद की जाती है कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।