जाकिर हुसैन नेट वर्थ: तबले के जादूगर का सफर और करोड़ों की संपत्ति
जाकिर हुसैन का निधन और उनकी यादगार विरासत
मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का सोमवार, 16 दिसंबर 2024 को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में निधन हो गया। 73 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। जाकिर हुसैन, जिन्होंने तबले को पूरी दुनिया में पहचान दिलाई, अपने पीछे करोड़ों की संपत्ति छोड़ गए। उनकी नेट वर्थ करीब 1 मिलियन डॉलर (लगभग 8.48 करोड़ रुपये) आंकी गई है।
तबला वादन की शुरुआत और प्रसिद्धि का सफर
9 मार्च 1951 को मुंबई में जन्मे जाकिर हुसैन ने अपने पिता उस्ताद अल्लाह रक्खा से तबला वादन सीखा। उन्होंने महज 12 साल की उम्र में अमेरिका में अपनी पहली परफॉर्मेंस दी, जिसके लिए उन्हें 5 रुपये मिले थे। छोटी शुरुआत के बाद, उनकी फीस बढ़ते हुए 5-10 लाख रुपये प्रति कंसर्ट तक पहुंच गई।
अंतरराष्ट्रीय पहचान और अवॉर्ड्स
जाकिर हुसैन ने तबले के जरिए अमेरिका से यूरोप तक एक नई पहचान बनाई। उन्हें 5 ग्रैमी अवॉर्ड्स, 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण, और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
नेट वर्थ और कमाई के अन्य स्रोत
जाकिर हुसैन की आय का मुख्य जरिया उनके कंसर्ट थे। इसके अलावा, उन्होंने 1973 में अपनी पहली एल्बम ‘लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड’ लॉन्च की, जो काफी लोकप्रिय रही। इसके अलावा, उन्होंने अपने करियर में 12 फिल्मों में अभिनय भी किया।
पारिवारिक जीवन
जाकिर हुसैन के परिवार में उनकी पत्नी एंटोनिया मिनेकोला, जो एक डांसर और टीचर थीं, और दो बेटियां, अनीसा कुरेशी और इसाबेला कुरेशी शामिल हैं।
निष्कर्ष: तबले का अमर जादूगर
जाकिर हुसैन नेट वर्थ और उनका योगदान संगीत की दुनिया में हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व को तबले की धुनों का दीवाना बना दिया। उनकी कला और विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।