दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति योन ने संसद दौरे की योजना को रद्द किया, विपक्ष के साथ साजिश के बीच अराजकता

दक्षिण कोरिया में इस समय राजनीतिक हलचल मची हुई है। राष्ट्रपति योन सुक-योल, जो अब तक संसद दौरे की योजना बना रहे थे, ने अचानक अपना दौरा रद्द कर दिया। यह घटनाक्रम उनके खिलाफ विपक्षी दलों की बढ़ती आवाजों और राजनीतिक अराजकता के बीच सामने आया है। इस स्थिति ने न केवल उनके प्रशासन को संकट में डाल दिया है, बल्कि पूरे देश की राजनीति को भी एक नई दिशा में मोड़ दिया है।

योन सुक-योल की अराजकता और संसद दौरे का रद्द होना

राष्ट्रपति योन ने मंगलवार रात मार्शल लॉ लागू करने की योजना बनाई थी, जो संसद द्वारा तुरंत रद्द कर दी गई। इस कार्रवाई ने देश में राजनीतिक संकट को जन्म दिया, जिसके बाद विपक्षी दलों ने उनके खिलाफ इम्पीचमेंट प्रस्ताव लाने की धमकी दी। इन घटनाओं के बीच, योन की संसद यात्रा की योजना को अचानक रद्द कर दिया गया।

क्या है इम्पीचमेंट की स्थिति?

दक्षिण कोरिया की संसद में विपक्षी दलों के पास अब योन सुक-योल को इम्पीच करने के लिए आवश्यक वोटों का समर्थन प्राप्त है। विपक्षी गठबंधन, जो संसद में बहुमत रखता है, को केवल योन की अपनी पार्टी, पीपल पावर पार्टी (PPP) के आठ सांसदों का समर्थन चाहिए, ताकि वे राष्ट्रपति को इम्पीच कर सकें। अगर विपक्ष सफल होता है, तो योन को उनके इम्पीचमेंट ट्रायल के लिए निलंबित कर दिया जाएगा, जो यह तय करेगा कि उन्हें पद से हटाया जाए या नहीं।

योन का मार्शल लॉ आदेश और विपक्षी प्रतिक्रिया

योन ने मार्शल लॉ लागू करने का आदेश दिया था, जिसे तत्काल संसद द्वारा पलट दिया गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, योन ने कई प्रमुख विपक्षी नेताओं और अपने पार्टी के नेताओं को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। इनमें डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ली जे-मींग, विपक्षी सांसद वू वोन-शिक, पार्क चान-डे, जो कुक, और पीपल पावर पार्टी के नेता हान डोंग-हून शामिल थे। योन ने यह आदेश दिया था कि \”इस मौके का उपयोग करते हुए इन्हें गिरफ्तार किया जाए और समाप्त किया जाए\”।

संसद में अराजकता

जब योन संसद में आने की योजना बना रहे थे, तब वहां विपक्षी सांसदों का एक बड़ा समूह एकत्र हुआ था। वे \”इम्पीच! इम्पीच!\” के नारे लगा रहे थे और योन के खिलाफ अपना विरोध प्रकट कर रहे थे। सुरक्षा बलों ने इस विरोध को शांत करने की कोशिश की, लेकिन संसद में तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। योन की वापसी के बाद यह स्पष्ट हुआ कि उनके दौरे की योजना में कोई बदलाव आ गया था, और यह घटनाक्रम अब एक नई राजनीतिक लड़ाई का रूप ले चुका है।

राष्ट्रपति योन और हान डोंग-हून का मुलाकात

पार्टी के भीतर भी गहरे मतभेद उभरने लगे हैं। राष्ट्रपति योन के मार्शल लॉ आदेश और उनकी राजनीतिक रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं। पीपल पावर पार्टी के प्रमुख हान डोंग-हून ने पहले कहा था कि उनकी पार्टी इम्पीचमेंट के पक्ष में नहीं है, लेकिन अब उन्होंने इस फैसले पर पुनर्विचार किया है। हान ने योन को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया और उनकी इस्तीफे की मांग की। यह स्पष्ट था कि पार्टी के भीतर भी अब स्थिति बदल रही थी, और अब दोनों नेताओं के बीच मुलाकात होने वाली थी, जो एक तनावपूर्ण बातचीत का संकेत दे रही थी।

दक्षिण कोरिया के राजनीतिक संकट का भविष्य

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यह राजनीतिक संकट दक्षिण कोरिया के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है। विपक्षी दलों के पास इम्पीचमेंट के लिए पर्याप्त समर्थन है, और यदि यह सफल होता है, तो योन सुक-योल के लिए कठिन समय आ सकता है। उनकी पार्टी, पीपल पावर पार्टी, जो पहले उनका समर्थन कर रही थी, अब उनके खिलाफ खड़ी दिखाई दे रही है। राष्ट्रपति योन का भविष्य अब संसद के फैसले पर निर्भर करेगा, और यह स्थिति देश की राजनीति में नई उथल-पुथल पैदा कर सकती है।

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति योन सुक-योल के लिए यह समय राजनीतिक संकट से जूझने का है। उनका निर्णय, जिसमें उन्होंने मार्शल लॉ लागू करने की योजना बनाई और विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करने का आदेश दिया, ने उन्हें एक विवादास्पद स्थिति में डाल दिया है। विपक्षी दल अब उनके इम्पीचमेंट की कोशिश कर रहे हैं, और यदि यह सफल होता है, तो योन को अपनी पदवी से हाथ धोना पड़ सकता है। इस घटनाक्रम के परिणाम दक्षिण कोरिया की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण होंगे और आने वाले दिनों में और भी चौंकाने वाले मोड़ ले सकते हैं।


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