सौमब्रेरो आकाशगंगा की नई तस्वीर – जेम्स वेब टेलीस्कोप द्वारा खोजी गई नई दृष्टि

सौमब्रेरो आकाशगंगा और जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप

आकाशगंगाओं का अध्ययन खगोलशास्त्रियों के लिए हमेशा एक रोमांचक क्षेत्र रहा है। आकाशगंगा, जो लाखों, करोड़ों तारे और अन्य खगोलीय वस्तुएं समेटे हुए होती है, उनकी विस्तृत तस्वीरें और उनके भीतर छिपे हुए रहस्यों को समझना वैज्ञानिकों के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य है। इनमें से एक प्रसिद्ध आकाशगंगा है सौमब्रेरो आकाशगंगा (Sombrero Galaxy), जिसे वैज्ञानिक मेसीयर 104 या M104 के नाम से भी जानते हैं। यह आकाशगंगा अपनी आकार और संरचना के कारण प्रसिद्ध है, लेकिन अब एक नई और अद्भुत तस्वीर ने इसके पुराने रूप को पूरी तरह से बदल दिया है।

सौमब्रेरो आकाशगंगा का नामकरण और खोज

सौमब्रेरो आकाशगंगा का नाम उसके आकार के कारण पड़ा, जो एक पारंपरिक मैक्सिकन हैट \”सौमब्रेरो\” जैसा दिखता है। इसे पहली बार 1781 में फ्रांसीसी खगोलज्ञ पियरे मेचैन ने खोजा था, और उन्होंने इसे अपने सहयोगी चार्ल्स मेसीयर के नाम पर रखा, जिन्होंने तारे, गैस नेबुला और आकाशगंगाओं का प्रसिद्ध सूचीबद्ध किया था। यह आकाशगंगा पृथ्वी से लगभग 30 मिलियन प्रकाशवर्ष दूर है और कन्या नक्षत्र में स्थित है।

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की नई तस्वीर

सदियों से इस आकाशगंगा का अध्ययन किया जा रहा है, लेकिन जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) के द्वारा ली गई नई तस्वीर ने इसके बारे में हमारे दृष्टिकोण को पूरी तरह बदल दिया है। मिड-इंफ्रारेड इंस्ट्रूमेंट (MIRI) के जरिए यह तस्वीर ली गई है, और यह अब तक की सबसे विस्तृत और आकर्षक तस्वीर है।

नया दृष्टिकोण

साधारणत: सौमब्रेरो आकाशगंगा को हबल टेलीस्कोप द्वारा ली गई तस्वीरों में देखा जाता है, जहां इसकी चमकती हुई कोर (Core) दिखाई देती है। लेकिन जेम्स वेब ने हमें आकाशगंगा के आंतरिक डिस्क की एक नई और विस्तृत तस्वीर दिखाई है, जो इससे पहले कभी नहीं देखी गई। इस बार सौमब्रेरो की \”मुकुट\” (Crown) की चमक गायब है, और आकाशगंगा अब एक बुल्स-आई जैसा दिखता है। इस नई तस्वीर में आकाशगंगा के बाहरी भाग की संरचना भी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है, जिससे इसके आंतरिक तत्वों का अध्ययन करना संभव हुआ है।

बाहरी छल्ले और धूल

पिछले समय में जब नासा के स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कोप ने सौमब्रेरो आकाशगंगा का अध्ययन किया था, तो इसके बाहरी छल्ले (Outer Ring) को चिकना (Smooth) पाया गया था। लेकिन अब, जेम्स वेब के मिड-इंफ्रारेड इमेजिंग से यह पता चला है कि यह बाहरी छल्ला अत्यधिक जटिल और गड़बड़ी से भरा हुआ है। यह बदलाव आकाशगंगा के धूल भरे छल्ले के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।

धूल आकाशगंगाओं के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है, क्योंकि यह सितारों और ग्रहों के निर्माण में योगदान देता है। जेम्स वेब ने इस धूल के अंशों का विश्लेषण किया और उसमें कार्बन आधारित अणुओं का पता लगाया, जैसे कि पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन्स (PAHs)। यह संकेत करता है कि यहां एक सितारा निर्माण क्षेत्र (Stellar Nursery) हो सकता है, जहां नए सितारे बन सकते हैं।

सौमब्रेरो आकाशगंगा और सितारा निर्माण

हालाँकि सौमब्रेरो आकाशगंगा में सितारों का निर्माण अन्य आकाशगंगाओं जैसे कि मेसीयर 82 के मुकाबले काफी कम है, फिर भी इसके बाहरी छल्ले में सितारों का निर्माण हो रहा है। खगोलज्ञों का अनुमान है कि यहाँ प्रत्येक वर्ष एक सूर्य का द्रव्यमान (Solar Mass) से कम सितारे बनते हैं, जबकि हमारी मिल्की वे आकाशगंगा में प्रति वर्ष लगभग दो सूर्य के द्रव्यमान के सितारे बनते हैं।

जेम्स वेब टेलीस्कोप की अनूठी विशेषताएँ

जेम्स वेब टेलीस्कोप की प्रमुख विशेषता यह है कि यह इन्फ्रारेड लाइट का उपयोग करके आकाशगंगाओं, सितारों और अन्य खगोलीय वस्तुओं की खोज करता है। इंसानों की आंखों के लिए अदृश्य इन्फ्रारेड लाइट की मदद से यह टेलीस्कोप हमें ब्रह्मांड के उन हिस्सों को दिखाता है, जिन्हें हम पहले देख नहीं पाते थे। इससे खगोलशास्त्रियों को आकाशगंगाओं, तारे और ग्रहों के निर्माण की प्रक्रियाओं को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिल रही है।

निष्कर्ष: सौमब्रेरो आकाशगंगा का नया रूप

सौमब्रेरो आकाशगंगा की यह नई तस्वीर एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक सफलता है, जो हमें आकाशगंगाओं की संरचना और उनके विकास को समझने में मदद करती है। जेम्स वेब टेलीस्कोप ने जो नई जानकारी दी है, वह खगोलशास्त्रियों के लिए एक नया अध्याय खोलती है। इसकी जटिल और अनदेखी संरचना को देखने से यह स्पष्ट हो गया है कि ब्रह्मांड में और भी कई अनसुलझे रहस्य हैं, जिन्हें हम धीरे-धीरे समझने में सक्षम हो रहे हैं।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *