RBI एमपीसी बैठक दिसंबर 2024: महंगाई और जीडीपी पर बड़ा फैसला एमपीसी बैठक 2024: दिसंबर की मौद्रिक नीति पर पूरा विश्लेषण
RBI एमपीसी बैठक लाइव अपडेट्स: दिसंबर 2024 की मौद्रिक नीति बैठक आज हो रही है, जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास महत्वपूर्ण निर्णय लेंगे। यह बैठक आर्थिक विकास (GDP) में गिरावट और बढ़ती महंगाई के संदर्भ में हो रही है। आइए, इस बैठक से जुड़े प्रमुख बिंदुओं और विशेषज्ञों की राय पर गहराई से नज़र डालते हैं।
RBI की प्रमुख चुनौतियां
1. बढ़ती महंगाई:
अक्टूबर 2024 में भारत की मुद्रास्फीति दर 6.2% तक पहुँच गई, जो RBI के सहनशीलता स्तर को पार कर चुकी है। यह स्थिति न केवल आम उपभोक्ताओं पर असर डाल रही है, बल्कि मौद्रिक नीति के लिए भी चुनौती बन गई है।
2. स्लोडाउन होती जीडीपी:
जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 5.4% तक गिर गई, जो पिछले सात तिमाहियों में सबसे कम है। आर्थिक सुस्ती और कम उपभोग ने निजी क्षेत्र में भी निवेश को प्रभावित किया है।
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की घोषणा
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज सुबह 10 बजे मौद्रिक नीति समिति (MPC) के फैसलों की घोषणा की। यह बैठक इस मायने में भी खास है क्योंकि यह दास के कार्यकाल की अंतिम बैठक हो सकती है, जो दिसंबर 2024 में समाप्त हो रहा है।
क्या रेपो रेट में कटौती का समय है?
विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान स्थिति में रेपो रेट में कटौती करना मुश्किल हो सकता है।
- महंगाई: 6% से अधिक की खाद्य मुद्रास्फीति केंद्रीय बैंक के लिए एक बड़ी चुनौती है।
- आर्थिक वृद्धि: धीमी जीडीपी वृद्धि के बावजूद, आरबीआई एक ‘पॉज’ रणनीति अपना सकता है और फरवरी 2025 तक इंतजार कर सकता है।
विशेषज्ञों की राय:
ज्योति प्रकाश गडिया, प्रबंध निदेशक, रेसर्जेंट इंडिया:
“खाद्य आपूर्ति में सुधार होने के बावजूद अक्टूबर की मुद्रास्फीति दर 6% से अधिक है। आरबीआई अगले दो महीनों के आर्थिक आंकड़ों का आकलन करने के बाद फरवरी में रेपो रेट पर अंतिम निर्णय ले सकता है।”
कृषि क्षेत्र की भूमिका
1. कृषि में सुधार:
मौसम की अनुकूलता के कारण कृषि क्षेत्र ने 3.5% की वृद्धि दर्ज की है। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने और निजी खपत को बढ़ावा देने में मददगार साबित हो सकता है।
2. रूरल इकोनॉमी:
ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार से पूरे वित्तीय वर्ष में घरेलू खपत में वृद्धि की संभावना है।
निवेशकों के लिए सलाह
दीर्घावधि फंड्स में निवेश:
किरण गांधी, व्यक्तिगत वित्तीय सलाहकार:
“बाजार में ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीद के बीच, निवेशकों को दीर्घावधि फंड्स (जैसे गिल्ट फंड्स) पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। ब्याज दरों में गिरावट से इन फंड्स के NAV में बढ़ोतरी हो सकती है।”
रणनीतिक कदम:
- दीर्घकालिक फंड्स में धीरे-धीरे निवेश बढ़ाएँ।
- 2025 में संभावित कम ब्याज दरों का लाभ उठाने के लिए पोर्टफोलियो को अभी से अनुकूलित करें।
पिछली बैठक का फैसला
अक्टूबर 2024 की एमपीसी बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखा था। इसके बावजूद, वर्तमान स्थिति में मुद्रास्फीति और विकास दर की गहन समीक्षा की आवश्यकता है।
RBI की रणनीति: भविष्य की राह
आरबीआई द्वारा दिसंबर 2024 की मौद्रिक नीति में निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- पॉज बनाए रखना: आर्थिक आंकड़ों को स्थिरता प्रदान करने के लिए रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता।
- विकास अनुमान में बदलाव:
- आरबीआई पहले FY25 के लिए 7.2% की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान कर रहा था।
- अब इसे 6.4% तक घटाया जा सकता है।
मौद्रिक नीति की घोषणा लाइव कहाँ देखें?
RBI की घोषणा को आप आरबीआई के आधिकारिक यूट्यूब चैनल, फेसबुक, और एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लाइव देख सकते हैं।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की यह बैठक भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। बढ़ती मुद्रास्फीति और धीमी विकास दर के बीच आरबीआई का निर्णय न केवल मौजूदा आर्थिक चुनौतियों को संबोधित करेगा बल्कि भविष्य की नीतियों का आधार भी बनेगा।