नारायण मूर्ति ने फिर दोहराई 70 घंटे काम करने की बात, युवाओं से की कड़ी मेहनत की अपील
इंफोसिस (Infosys) के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) ने एक बार फिर 70 घंटे काम करने के अपने बयान का समर्थन करते हुए युवाओं को कड़ी मेहनत की सलाह दी है। उन्होंने यह बयान कोलकाता की यात्रा के दौरान दिया, जहाँ उन्होंने भारतीय युवाओं में मजबूत कार्य नैतिकता (Work Ethics) की आवश्यकता और भारत को शीर्ष पर ले जाने के लिए अधिक मेहनत करने की जरूरत पर जोर दिया।
कोलकाता में नारायण मूर्ति का बयान
नारायण मूर्ति ने कोलकाता को भारत का सबसे सुसंस्कृत शहर बताते हुए कहा कि, “अगर हम भारतीय अपनी आकांक्षाओं को ऊँचा नहीं रखते और कड़ी मेहनत नहीं करते, तो 800 मिलियन लोग जो मुफ़्त राशन पर निर्भर हैं, गरीबी से बाहर कैसे निकलेंगे? हमें भारत को नंबर एक बनाने के लिए हर मुमकिन प्रयास करना होगा।”
युवाओं से कड़ी मेहनत की अपील
नारायण मूर्ति ने कहा कि भारतीय युवाओं को अपनी क्षमताओं का अधिकतम उपयोग करना चाहिए। उन्होंने 70 घंटे के कार्य सप्ताह (70 Hour Work Week) के अपने विचार को दोहराते हुए कहा कि, “युवाओं को यह समझना होगा कि सफलता के लिए हमें कड़ी मेहनत करनी होगी। अगर हमें वैश्विक स्तर पर सबसे अच्छे देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी है, तो हमें अपनी सीमाओं को लांघना होगा।”
70 घंटे काम के पीछे का मकसद
मूर्ति ने कहा कि कड़ी मेहनत न केवल व्यक्तिगत विकास बल्कि राष्ट्र के विकास में भी योगदान देती है। उनके अनुसार, युवा उद्यमशीलता (Entrepreneurial Spirit) और रोजगार सृजन में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीयों को दुनिया की शीर्ष कंपनियों के साथ अपनी तुलना करनी चाहिए और उनके स्तर तक पहुँचने की कोशिश करनी चाहिए।
भारत को नंबर एक बनाने का सपना
नारायण मूर्ति ने भारत के युवाओं से कहा कि अगर हम विकसित देशों की बराबरी करना चाहते हैं तो हमें अपने लक्ष्य ऊँचे रखने होंगे। उनके मुताबिक, “कड़ी मेहनत और मजबूत कार्य नैतिकता भारत को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत बना सकती है।”