Noida News: योगी आदित्यनाथ सरकार ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लाखों निवासियों के लिए बड़ी सौगात दी है। शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो परियोजना को मंजूरी दी गई। लंबे समय से इस रूट पर काम शुरू होने का इंतजार कर रहे लोगों के लिए यह एक खुशखबरी है। राज्य सरकार ने परियोजना के लिए 394 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है।
क्या है यह परियोजना?
इस परियोजना के तहत नोएडा के सेक्टर-51 मेट्रो स्टेशन से ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-5 तक मेट्रो रेल सेवा का विस्तार किया जाएगा। इसके लिए कुल 17.435 किलोमीटर लंबा रूट विकसित होगा। यह नई लाइन न केवल यातायात को सुगम बनाएगी, बल्कि दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय भी कम करेगी।
परियोजना से जुड़ी मुख्य बातें
कैबिनेट का निर्णय और बजट आवंटन
शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस परियोजना को मंजूरी दी गई।
- परियोजना की कुल लागत: ₹788 करोड़।
- फंडिंग में भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार दोनों का योगदान रहेगा।
- राज्य सरकार के हिस्से की 40% राशि नोएडा और 60% राशि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा वहन की जाएगी।
परियोजना के प्रमुख स्टेशन
ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो परियोजना के तहत कुल 11 नए स्टेशन बनाए जाएंगे। ये स्टेशन हैं:
- नोएडा सेक्टर 51
- नोएडा सेक्टर 61
- नोएडा सेक्टर 70
- नोएडा सेक्टर 122
- नोएडा सेक्टर 123
- ग्रेटर नोएडा सेक्टर 4
- इको टेक-12
- ग्रेटर नोएडा सेक्टर 2
- ग्रेटर नोएडा सेक्टर 3
- ग्रेटर नोएडा सेक्टर 10
- ग्रेटर नोएडा नॉलेज पार्क 5
इन स्टेशनों के जरिए मेट्रो सेवा नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाएगी।
यातायात पर सकारात्मक प्रभाव
इस मेट्रो विस्तार से न केवल यात्रा सुगम होगी, बल्कि सड़कों पर वाहनों का दबाव भी कम होगा।
- नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे: इस परियोजना से एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक कम होगा।
- डीएनडी फ्लाईवे: दिल्ली और नोएडा के बीच यात्रियों के लिए राहत मिलेगी।
- परिवहन के साधन: सेक्टर 61 स्टेशन के जरिए डीएमआरसी की ब्लू लाइन और एक्वा लाइन आपस में जुड़ेंगी, जिससे दिल्ली, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच यात्रा में और आसानी होगी।
परियोजना की समय सीमा
सरकार ने परियोजना की समय-सीमा भी तय कर दी है।
- एंकर निवेशकों के लिए बोली: 21 नवंबर 2024।
- आम निवेशकों के लिए बोली: 22 से 26 नवंबर 2024।
- आवंटन प्रक्रिया पूरी: 27 नवंबर 2024।
- मेट्रो परिचालन शुरू: अगले छह महीनों में निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।
पर्यावरण पर प्रभाव
इस परियोजना से सड़क पर वाहनों की संख्या कम होगी, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी। इसके साथ ही, मेट्रो सेवा ऊर्जा की खपत को कम कर पर्यावरण संरक्षण में योगदान देगी।
आर्थिक और सामाजिक महत्व
- निवेश और रोजगार:
परियोजना में स्थानीय निवासियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। - समय और खर्च की बचत:
मेट्रो सेवा से यात्रा का समय कम होगा और लोगों को अपने गंतव्य तक पहुँचने में आसानी होगी।
क्या कहती है सरकार?
उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने परियोजना को राज्य के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि मेट्रो सेवा के विस्तार से शहरों के बीच की दूरी कम होगी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
भविष्य में और क्या हो सकता है?
- कनेक्टिविटी का और विस्तार:
आने वाले समय में मेट्रो सेवा का और विस्तार हो सकता है, जिससे राज्य के अन्य क्षेत्रों को भी जोड़ा जा सके। - निवासियों की सहूलियत:
यह परियोजना नोएडा और ग्रेटर नोएडा के निवासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाएगी।
निष्कर्ष
ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो परियोजना केवल एक बुनियादी ढांचा विकास परियोजना नहीं है, बल्कि यह राज्य की प्रगति का प्रतीक है। इससे न केवल यातायात सुविधाओं में सुधार होगा, बल्कि यह क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करेगा।